श्री राजीव दीक्षित जी की व्याख्यानमाला से ।
मित्रों, करीब सौ कड़ियों की इस व्याख्यानमाला की शुरूआत हम श्री राजीव दीक्षित जी द्वारा सन 1997 में महाराष्ट्र के एक मंदिर में दिये गये ”भारत की आज़ादी का इतिहास“ नामक व्याख्यान से कर रहे हैं । हालांकि ये व्याख्यान 12 वर्ष पुराना है लेकिन तब से भारत देश की परिस्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है बल्कि बहुत से मामलों में स्थिति खराब ही हुई है । उम्मीद है कि ये व्याख्यानमाला आपको पसंद आयेगी ।
भारत की आज़ादी का इतिहास: भाग-6
भारत की आज़ादी का इतिहास: भाग-5
रविवार, 28 जून 2009
शनिवार, 20 जून 2009
भारत की आज़ादी का इतिहास: भाग-4
भारत की आज़ादी का इतिहास: भाग-4
श्री राजीव दीक्षित जी की व्याख्यानमाला से ।
मित्रों, करीब सौ कड़ियों की इस व्याख्यानमाला की शुरूआत हम श्री राजीव दीक्षित जी द्वारा सन 1997 में महाराष्ट्र के एक मंदिर में दिये गये ”भारत की आज़ादी का इतिहास“ नामक व्याख्यान से कर रहे हैं । हालांकि ये व्याख्यान 12 वर्ष पुराना है लेकिन तब से भारत देश की परिस्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है बल्कि बहुत से मामलों में स्थिति खराब ही हुई है । उम्मीद है कि ये व्याख्यानमाला आपको पसंद आयेगी ।
भारत की आज़ादी का इतिहास:भाग - 5 जल्दी ही आपको सुनने को मिलेगा । जय हिंद ।
श्री राजीव दीक्षित जी की व्याख्यानमाला से ।
मित्रों, करीब सौ कड़ियों की इस व्याख्यानमाला की शुरूआत हम श्री राजीव दीक्षित जी द्वारा सन 1997 में महाराष्ट्र के एक मंदिर में दिये गये ”भारत की आज़ादी का इतिहास“ नामक व्याख्यान से कर रहे हैं । हालांकि ये व्याख्यान 12 वर्ष पुराना है लेकिन तब से भारत देश की परिस्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है बल्कि बहुत से मामलों में स्थिति खराब ही हुई है । उम्मीद है कि ये व्याख्यानमाला आपको पसंद आयेगी ।
भारत की आज़ादी का इतिहास:भाग - 5 जल्दी ही आपको सुनने को मिलेगा । जय हिंद ।
गुरुवार, 11 जून 2009
भारत की आज़ादी का इतिहास: भाग-3
श्री राजीव दीक्षित जी की व्याख्यानमाला से ।
मित्रों, करीब सौ कड़ियों की इस व्याख्यानमाला की शुरूआत हम श्री राजीव दीक्षित जी द्वारा सन 1997 में महाराष्ट्र के एक मंदिर में दिये गये ”भारत की आज़ादी का इतिहास“ नामक व्याख्यान से कर रहे हैं । हालांकि ये व्याख्यान 12 वर्ष पुराना है लेकिन तब से भारत देश की परिस्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है बल्कि बहुत से मामलों में स्थिति खराब ही हुई है । उम्मीद है कि ये व्याख्यानमाला आपको पसंद आयेगी ।
भारत की आज़ादी का इतिहास:भाग - 4 जल्दी ही आपको सुनने को मिलेगा । जय हिंद ।
मित्रों, करीब सौ कड़ियों की इस व्याख्यानमाला की शुरूआत हम श्री राजीव दीक्षित जी द्वारा सन 1997 में महाराष्ट्र के एक मंदिर में दिये गये ”भारत की आज़ादी का इतिहास“ नामक व्याख्यान से कर रहे हैं । हालांकि ये व्याख्यान 12 वर्ष पुराना है लेकिन तब से भारत देश की परिस्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है बल्कि बहुत से मामलों में स्थिति खराब ही हुई है । उम्मीद है कि ये व्याख्यानमाला आपको पसंद आयेगी ।
भारत की आज़ादी का इतिहास:भाग - 4 जल्दी ही आपको सुनने को मिलेगा । जय हिंद ।
सोमवार, 8 जून 2009
भारत की आज़ादी का इतिहास: भाग-2
श्री राजीव दीक्षित जी की व्याख्यानमाला से ।
भारत की आज़ादी का इतिहास: भाग-2 ।
मित्रों, करीब सौ कड़ियों की इस व्याख्यानमाला की शुरूआत हम श्री राजीव दीक्षित जी द्वारा सन 1997 में महाराष्ट्र के एक मंदिर में दिये गये ”भारत की आज़ादी का इतिहास“ नामक व्याख्यान से कर रहे हैं । हालांकि ये व्याख्यान 12 वर्ष पुराना है लेकिन तब से भारत देश की परिस्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है बल्कि बहुत से मामलों में स्थिति खराब ही हुई है । उम्मीद है कि ये व्याख्यानमाला आपको पसंद आयेगी ।
भारत की आज़ादी का इतिहास:भाग - 3 जल्दी ही आपको सुनने को मिलेगा । जय हिंद ।
भारत की आज़ादी का इतिहास: भाग-2 ।
मित्रों, करीब सौ कड़ियों की इस व्याख्यानमाला की शुरूआत हम श्री राजीव दीक्षित जी द्वारा सन 1997 में महाराष्ट्र के एक मंदिर में दिये गये ”भारत की आज़ादी का इतिहास“ नामक व्याख्यान से कर रहे हैं । हालांकि ये व्याख्यान 12 वर्ष पुराना है लेकिन तब से भारत देश की परिस्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है बल्कि बहुत से मामलों में स्थिति खराब ही हुई है । उम्मीद है कि ये व्याख्यानमाला आपको पसंद आयेगी ।
भारत की आज़ादी का इतिहास:भाग - 3 जल्दी ही आपको सुनने को मिलेगा । जय हिंद ।
गुरुवार, 4 जून 2009
भारतीय आज़ादी का इतिहास: भाग-1
श्री राजीव दीक्षित जी की व्याख्यानमाला । : भाग-1 .
विषयः भारतीय आज़ादी का इतिहास: भाग-1
.
भारतीय आज़ादी का इतिहास: भाग-2 जल्दी ही आपको सुनने को मिलेगा ।
आपको ये व्याख्यान कैसा लगा? आपके विचार आमंत्रित हैं ।
विषयः भारतीय आज़ादी का इतिहास: भाग-1
.
भारतीय आज़ादी का इतिहास: भाग-2 जल्दी ही आपको सुनने को मिलेगा ।
आपको ये व्याख्यान कैसा लगा? आपके विचार आमंत्रित हैं ।
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