श्री राजीव दीक्षित जी की व्याख्यानमाला से ।
मित्रों, करीब सौ कड़ियों की इस व्याख्यानमाला की शुरूआत हम श्री राजीव दीक्षित जी द्वारा सन 1997 में महाराष्ट्र के एक मंदिर में दिये गये ”भारत की आज़ादी का इतिहास“ नामक व्याख्यान से कर रहे हैं । हालांकि ये व्याख्यान 12 वर्ष पुराना है लेकिन तब से भारत देश की परिस्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है बल्कि बहुत से मामलों में स्थिति खराब ही हुई है । उम्मीद है कि ये व्याख्यानमाला आपको पसंद आयेगी ।
भारत की आज़ादी का इतिहास: भाग-6
भारत की आज़ादी का इतिहास: भाग-5
रविवार, 28 जून 2009
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आप का ब्लाग अच्छा लगा...बहुत बहुत बधाई....
जवाब देंहटाएंएक नई शुरुआत की है-समकालीन ग़ज़ल पत्रिका और बनारस के कवि/शायर के रूप में...जरूर देखें..आप के विचारों का इन्तज़ार रहेगा....
Agar ho sake to bharat ki ajadi ka itihas ko jum likhit dekhna chahte hai.
जवाब देंहटाएंभई मै खुद तो कभी बाबा रामदेव जी से मिला नही लेकिन उन्हे टी वी पर देखा है उन का उपदेश सुना है , जिस मे कोई लाग लपेट नही, सब सच कहा है, ओर अगर ऎसा आदमी राज नीती मे आता है तो हमे खुले दिल से उन का स्वागत करना चाहिये, क्यो की एक शुद्ध ओर शरीफ़ आदमी हमे रास्ता दिखाना चाहता है, वरना सब ने देख ही लिया इन पीछले समय मे कितने नेताओ ने देश का बेडा पार किया, ९९% जेबकतरे , गुंडे, हत्यारे, ओर डाकू ही आये है राजनीति मे अगर एक अच्छा आदमी आ रहा है तो , एतराज क्यो??
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिखा आप ने , सुंदर ओर सटीक सवाल किये आप ने .